Saturday, September 12, 2009

Uska Chhehra

इस दिल का धडकना अब जरूरत है
हाय कैसे बताएं हम यह हाले दिल
जिस वक्त ये एहसास हुआ
कि वो कितनी खूबसूरत है

चाँद तो सोया हुआ है
कुदरत के आँचल में
अजीब सी मासूमियत है
दिल के इस हलचल में

मखमली चादर लपेटे आई ये रात है
ख्वाब बुनता शीशों के माफिक
चेहरा जो देखूं उसका सुहाना
आज ऐसी फितरत इस आशिक की है

चंदन लपेटे पहली किरनें
उसकी यादों के झरोखे
आज आ मुझपर गिरी हैं
खिलखिलाते खुशियाँ संजोते

मोतियों के रास्ते हैं
जो तुम्हारे संग चले हैं
आज तनहाइयों से बरी
आसमान पैरों तले है

साथ यह छूट ना जाए
बस दुआ ये lub संजोती
वजूद अपना मिल ना सका था
अगर जो संग मेरे तुम ना होती

2 comments:

Madhoo...!!! said...

Lucky girl...!!! She would jump with happiness on her toes... if she knows that these beautiful words are for her... :P

Masochist in a state of Schadenfreude! said...

I wish you find her soon, bro!!