Saturday, January 28, 2012

तेरी अनकही सी आवाज़ हूँ मैं


तेरी  अनकही  सी  असमंजस  भरी  आवाज़ हूँ  मैं 
तेरे  इस  नए  जेहेन  का , नए  फितूर  का  आगाज़  हूँ  मैं 
तेरे  ख्वाबों  का  नूर 
उस  पहले  इश्क  का  मीठा  सा  एहसास  हूँ  मैं 

तेरे  उँगलियों  की  सिहरन 
और  उस  चुलबुले  दिल  की  शायरी  के  अलफ़ाज़  हूँ  मैं 
तेरा  दांतों  तले पल्लू  दबाना 
उस  हया  की  खिलखिलाहट  का  नया  अंदाज़  हूँ  मैं 

मुझे  देखकर  नज़रें  चुराना 
तेरे  दिल  के  हर  तस्सवुर  का  हमराज़  हूँ  मैं 
तेरी  सौंधी  सी  हंसी 
तेरे  दिल  के  तरन्नुम  का  नशीला  आभास  हूँ  मैं

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